हैमिल्टन अकेले 1090 करोड़ रुपए कमा लेते हैं, जबकि आईपीएल की 8 फ्रेंचाइजी की कुल कमाई 500 करोड़

खेल की दुनिया में प्रोफेशनल स्पोर्ट्स में एमेच्योर स्पोर्ट्स से कहीं ज्यादा पैसा है। इस कमाई के जरिए अलग-अलग हैं जैसे कि जर्सी-किट स्पॉन्सरशिप से होने वाली कमाई। टीवी विज्ञापनों से कमाई। स्टेडियम नेमिंग राइट्स की कमाई। मैदान में विज्ञापनों से होने वाली कमाई। टिकट विंडो से होने वाली कमाई आदि। इसमें जर्सी और किट स्पॉन्सरशिप से होने वाली कमाई की हिस्सेदारी कहीं ज्यादा है।

फॉर्मूला-1 रेसर लुईस हैमिल्टन अपने रेस सूट से 1090 करोड़ रुपए तक कमा लेते हैं। जबकि आईपीएल की सभी 8 टीमें मिलकर जर्सी या किट स्पॉन्सर से सिर्फ 500 करोड़ रुपए तक कमा पाती हैं। ऐसे ही चार खेल में जर्सी और किट स्पॉन्सर से होने वाली कमाई की तुलना...

हैमिल्टन 12 कंपनियों को एंडोर्स करते हैं
6 बार के फॉर्मूला-1 वर्ल्ड चैंपियन मर्सडीज के लुईस हैमिल्टन के रेस सूट पर 12 स्पॉन्सर्स के विज्ञापन हैं। इसमें क्लोदिंग ब्रांड से लेकर एनर्जी ड्रिंक्स तक के ब्रांड हैं। इससे ब्रिटिश रेसर और जर्मन ऑटोमोटिव कंपनी मर्सडीज को करीब 1090 करोड़ रु. की कमाई हुई है।

  • एफ-1 को 15 साल में स्पॉन्सर्स से करीब 2 लाख 25 हजार करोड़ रु. मिले हैं। 1066 कंपनियों ने 6 हजार डील्स की हैं।
  • मर्सडीज ने पेट्रोनेस से 562 करोड़ में टाइटल स्पॉन्सरशिप की है। फरारी की फिलिप माॅरिस से 1322 करोड़ की स्पॉन्सरशिप सबसे महंगी है।
  • पेट्रोनेस ने एक दशक में सबसे ज्यादा 5500 करोड़ खर्च किए हैं। इसमें एडवरटाइजिंग से लेकर टाइटल स्पॉन्सरशिप तक है।

फुटबॉल: यूनाइटेड जर्सी से 1330 करोड़ रु. कमाता है
इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड किट और जर्सी स्पॉन्सर्स से 1330 करोड़ रु. की कमाई करता है। क्लब किट स्पॉन्सर एडिडास से हर साल 730 करोड़ रुपए कमाता है। उसे जर्सी स्पॉन्सर शेवरले से करीब 600 करोड़ रुपए की कमाई होती है।

टॉप-10 क्लबों ने इस साल 28 हजार करोड़ की कमाई की है। यह कुल स्पॉन्सरशिप का एक तिहाई है। फुटबॉल क्लबों को किट सप्लाई करने के मामले में एडिडास पहले और नाइकी दूसरे नंबर पर है। एडिडास की औसत वैल्यू 4285 करोड़, नाइकी की 2714 करोड़ है।

क्रिकेट: मुंबई को 100 करोड़ के रेवेन्यू का अनुमान
आईपीएल फ्रेंचाइजी को 500 करोड़ रु. के रेवेन्यू का अनुमान है। मुंबई इंडियंस को स्पॉन्सरशिप से 100 करोड़ की कमाई होगी। मुंबई का किट स्पॉन्सर परफॉरमैक्स है जबकि सैमसंग के साथ 75 करोड़ की लीड स्पॉन्सरशिप है।

चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) 90-95 करोड़ की कमाई कर दूसरे पर रहेगी। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को 60 करोड़ की उम्मीद। जियो 8 टीमों को स्पॉन्सर करता है। उसकी डील करीब 150 करोड़ रु. की है। किंगफिशर किंग्स इलेवन पंजाब, मुंबई इंडियंस, हैदराबाद और आरसीबी का स्पॉन्सर है।

बास्केटबॉल: गोल्डन स्टेट की कमाई 450 करोड़ रुपए
अमेरिकन बास्केटबॉल लीग एनबीए की टीम गोल्डन स्टेट वॉरियर्स की जर्सी स्पॉन्सर कंपनी रेकुटेन से 450 करोड़ रुपए की डील है। यह एनबीए में जर्सी स्पॉन्सरशिप के मामले में सबसे बड़ी डील है। न्यूयॉर्क निक्स की स्पॉन्सर स्क्वैयरस्पेस है, जिससे 315 करोड़ रुपए की डील है। जर्सी स्पॉन्सरशिप की शुरुआत 2017-18 सीजन से हुई। उससे पहले, खिलाड़ियों की जर्सी पर सिर्फ किट स्पॉन्सर का लोगो होता था। सभी टीमों की किट नाइकी की है। नाइकी ने एनबीए से 7500 करोड़ की डील की थी।



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लुईस हैमिल्टन के रेस सूट पर क्लोदिंग ब्रांड से लेकर एनर्जी ड्रिंक्स तक के ब्रांड हैं। इससे ब्रिटिश रेसर और जर्मन ऑटोमोटिव कंपनी मर्सडीज को करीब 1090 करोड़ रु. की कमाई हुई है। -फाइल फोटो


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